किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी। (इसी कविता से) "आवेग...दृष्टि... दिशा इतिहास सभी तुम हो" (इसी कविता से) नहीं नारी किसी से कम "मैंने किसी को नहीं दिया हक़ कि कोई मेरे गले की नाप ले" (इसी कविता से) सूखी हुई नदी कब सूखती है पूरी तरह !! (इसी कविता से) प्यार जन्मदाता से

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