किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी। किसी कोण किसी दिशा से देखो पूरी दिखती है नदी।
"आवेग...दृष्टि... दिशा, इतिहास, सभी तुम हो" (इसी कविता से) "आवेग...दृष्टि... दिशा, इतिहास, सभी तुम हो" (इसी कविता से)
जननी बनकर जग जना, पर मान नहीं वो पाती है। बना बेचारी बेड़ियों में, सदा से जकड़ी जाती जननी बनकर जग जना, पर मान नहीं वो पाती है। बना बेचारी बेड़ियों में, सदा ...
"मैंने किसी को नहीं दिया हक़ कि कोई मेरे गले की नाप ले" "मैंने किसी को नहीं दिया हक़ कि कोई मेरे गले की नाप ले"
नदी सूख रही है अपनी बढ़ती उम्र की छोटी-बड़ी परेशानियों को वहन करती हुई नदी सूख रही है नदी सूख रही है अपनी बढ़ती उम्र की छोटी-बड़ी परेशानियों को वहन करती हुई नदी सूख रही...
जन्म देकर जिसने मुझे, इस दुनिया में सारा है, हर एक मुश्किल में मैंने, मेरी माँ को पु जन्म देकर जिसने मुझे, इस दुनिया में सारा है, हर एक मुश्किल में मैंने, म...